रैपिड बिल्डिंग असेसमेंट प्लैकार्ड्स (शीघ्र भवन-निर्माण मूल्यांकन घोषणापत्र) को समझना
Last updated: 15 February 2023
रैपिड बिल्डिंग असेसमेंट के बाद, आपके घर या इमारत को तीन अलग-अलग रंग के घोषणापत्रों में से एक दिया जा सकता है ताकि आपको पता चल सके कि अगला कदम क्या है:
रेड प्लैकार्ड (लाल घोषणापत्र)
लाल घोषणापत्र का मतलब है कि प्रवेश प्रतिबंधित है। आपकी इमारत सार्वजनिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और हित के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम पैदा कर सकती है। यह जोखिम खुद इमारत से, साथ लगी हुई इमारतों से या भूमि की अस्थिरता से हो सकता है।
लाल घोषणापत्र देखें [पीडीएफ 60KB]
यैलो प्लैकार्ड (पीला घोषणापत्र)
पीले रंग के घोषणापत्र का मतलब है कि आपके भवन तक पहुंच प्रतिबंधित है और इसका उपयोग नहीं किया जा सकता या आप केवल सीमित समय के लिए अथवा जरूरी काम के लिए निगरानी के बिना प्रवेश नहीं कर सकते हैं। हो सकता है कि इमारत के किसी हिस्से या पूरी इमारत को थोड़ा नुकसान हुआ हो, या इमारत के कुछ हिस्से, आस-पास की इमारतें, या भूमि की अस्थिरता एक महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करे।
पीला घोषणापत्र देखें [पीडीएफ 79KB]
व्हाइट प्लैकार्ड (सफेद घोषणापत्र)
एक सफेद घोषणापत्र का मतलब है कि आपकी इमारत में काम या अवास किया जा सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि इमारत को कोई हानि नहीं पहुंची है। नुकसान की तलाश में रहें और यदि आप किराए के मकान में रहते हैं तो अपने मकान मालिक या रेंटल मैनेजर (किराये के प्रबंधक) से संपर्क करें।
सफेद घोषणापत्र देखें [पीडीएफ 61KB]
विभिन्न घोषणापत्रों के बारे में अधिक जानकारी
यदि आपके घर या भवन को कोई हानि नहीं पहुंची है, लेकिन किसी अन्य घर या आस-पास के ढांचे से उसे हानि पहुंचने का खतरा है, तो उस खतरे के आधार पर इसका मूल्यांकन किया जाएगा।
यह महत्वपूर्ण है कि एक बार घोषणापत्र स्थापित हो जाने के बाद आप उसमें हस्तक्षेप न करें, उसे नुकसान न पहुंचाएं या उसे न हटाएं या अगर आपको पीला या लाल घोषणापत्र मिलता है तो आप अपने घर में प्रवेश न करें। यदि आप हस्तक्षेप करते हैं, तो यह भवन अधिनियम के तहत एक अपराध है और आप पर दंड लगाया जा सकता है।
लोगों को सुरक्षित दूरी पर रखने या घरों और इमारतों की सुरक्षा के लिए अधिकृत अधिकारी आवश्यक कदम भी उठा सकते हैं। इनमें सार्वजनिक पहुंच को रोकने या सीमित करने के लिए अथवा इमारत या मलबे से लोगों को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए घेराबंदी, बैरिकेड (मोर्चाबंदी या रुकावट) और अन्य कदम शामिल हो सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप ऐसे किसी भी उपाय को नज़रअंदाज़ न करें या उसमें हस्तक्षेप न करें।